Dard Bhari Shayari | Dard Shayari Hindi | Hindi Kavitayen | Hindi Poems | Pyar Mein Dard Bhari Shayari Hindi Mein |
जिस बज़्म में साग़र हो न सहबा हो न ख़ुम हो;
रिंदों को तसल्ली है कि उस बज़्म में तुम हो||
ग़म तो है हर एक को,
मगर हौसले हैं जुदा जुदा,
कोई टूट कर बिखर गया,
कोई मुस्कुरा के चल दिया||
दिल पे क्या गुज़री, वो अनजान क्या जाने,
प्यार किसे कहते है, वो नादान क्या जाने|
हवा के साथ उड़ गया, घर इस परिंदे का,
कैसे बना था घौंसला, वो तूफान क्या जाने||
जब आप का नाम जुबान पर आता हैं,
पता नहीं दिल क्यों मुस्कुराता हैं,
तसल्ली होती है मन को कोई तो है अपना,
जो हँसते हुए हर समय याद आता हैं||
प्यार सभी को जीना सिखा देता है
वफा के नाम पर मरना सिखा देता है,
प्यार नहीं किया तो कर के देख लो यारों
जालिम हर दर्द सहना सिखा देता है||
ख़्वाब ही ख़्वाब,
कब तक देखूँ ,
अब तमन्ना है,
तुम्हें देखूँ||
समझ लेते है हम उनके दिल की बात को,
वह हमें हर बार धोखा देते हैं,
लेकिन हम भी मजबूर है दिल से,
जो उन्हें बार-बार मौका देते है||
गम यह नहीं के क़सम अपनी भुलाई तुमने,
ग़म तो ये है के रक़ीबों से निभाई तुमने,
कोई रंजिश थी अगर तुम को तो मुझसे कहते,
बात आपस की थी क्यों सबको बतायी तुमने||
तेरे बाद हमने इस दिल का,
दरवाज़ा खोला ही नहीं,
वरना बहुत से चाँद आये,
तेरे घर को सजाने के लिए||
जानेमन तुम इतराते बहुत हो,
जाने मन तुम मुस्कुराते बहुत हो,
जी करता है आज तुम्हे दावत पर बुलाऊँ,
लेकिन जानेमन तुम खाते बहुत हो||