जो जले थे हमारे लिऐ बुझ गए वो सारे दिये,कुछ अंधेरों की थी साजिशें कुछ उजालों ने धोखे दिये||
दर्द शरबत समझ के पी जाएं,चांद-तारों की उम्र जी जाएं,कोई बाधा कहीं न बाधक हो,जन्मदिन आपको मुबारक हो||
क्यूँ ज़िन्दगी में ज़ख्म पे मरहम बन जाते हैं दोस्त, क्यूँ ज़िन्दगी में साथ निभाते हैं दोस्त, उनसे न खून का होता है न रिवाज़ का होता है रिश्ता, क्यूँ फिर भी दूर तक साथ चलते हैं दोस्त||
यहाँ हजारों शायर है जो तख़्त बदलने निकले हैं,कुछ मेरे जैसे पागल है जो वक़्त बदलने निकले है||
सुबह का हर पल ज़िंदगी दे आपको,दिन का हर लम्हा खुशी दे आपको,जहा गम की हवा छू कर भी न गुज़रे,खुदा वो जन्नत से ज़मीन दे आपको||
आपकी आँखे अक्सर वही लोग खोलते है,जिनपर आप आँखे बंद करके विश्वाश करते है||
सुबह-सुबह आपको एक पैगाम देना है, आपको सुबह का पहला सलाम देना है, गुज़रे सारा दिन आपका ख़ुशी ख़ुशी, आपकी सुबह को खूबसूरत सा नाम देना है||
ये ज़ुल्फ़-बर-दोश कौन आया, ये किस की आहट से गुल खिले हैं, महक रही है फ़ज़ा-ए-हस्ती तमाम आलम बहार सा है||
किसी न किसी पे किसी को ऐतबार हो जाता है,अजनबी कोई शख्स यार हो जाता है,खूबियों से नहीं होती मोहब्बत सदा,खामियों से भी अक्सर प्यार हो जाता है||
वो पानी की लहरों पे क्या लिख रहा था,खुदा जाने हरफ-ऐ-दुआ लिख रहा था,महोब्बत में मिली थी बेवफाई उसे भी शायद,इसलिए हर शख्स को शायद बेवफा लिख रहा था||